9 महीने बाद धरती पर लौटेंगे अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स, स्पेसएक्स रॉकेट पहुंचा ISS
अंतरिक्ष में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों बुच विल्मोर और भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स जल्द ही धरती पर लौटेंगे। नासा और रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए स्पेसएक्स का नया रॉकेट दल अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुँच चुका है।

दरअसल, विल्मोर और विलियम्स पिछले वर्ष एक प्रायोगिक अंतरिक्ष यान के जरिए ISS पहुंचे थे। योजना के अनुसार, उन्हें केवल आठ दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहना था। लेकिन जिस यान से वे आए थे, उसमें तकनीकी दिक्कतें सामने आ गईं, जिससे वे 9 महीने से अधिक समय तक वहां फंसे रहे।
अब स्पेसएक्स रॉकेट के ISS पहुंचने के बाद उनकी वापसी का रास्ता साफ हो गया है। नासा ने इस मिशन की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी परीक्षण और तकनीकी जांच पूरी कर ली है।

गौरतलब है कि सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने वाली जानी-मानी अंतरिक्ष यात्री हैं। उनके साथ बुच विल्मोर भी इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रायोगिक यान में आई तकनीकी गड़बड़ियों के कारण यह मिशन उम्मीद से कहीं लंबा खिंच गया। अब अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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9 महीने बाद धरती पर लौटेंगी सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, स्पेसएक्स रॉकेट पहुँचा ISS
नई दिल्ली। अंतरिक्ष में करीब 9 महीने से फंसे भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर अब जल्द ही धरती पर लौटने वाले हैं। उन्हें वापस लाने के लिए स्पेसएक्स का नया रॉकेट अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुँच चुका है।
क्यों फंसी रहीं सुनीता विलियम्स?
दरअसल, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 5 जून 2024 को नासा और बोइंग के साझा मिशन के तहत बोइंग स्टारलाइनर (Boeing Starliner) अंतरिक्ष यान से ISS की यात्रा शुरू की थी। योजना के मुताबिक, वे केवल 8 दिन अंतरिक्ष स्टेशन पर रुकने वाले थे। लेकिन जिस स्टारलाइनर कैप्सूल से वे पहुँचे थे, उसमें तकनीकी गड़बड़ियों (पानी के रिसाव, प्रोपल्शन सिस्टम में खराबी आदि) के कारण उनकी वापसी लगातार टलती रही। परिणामस्वरूप, वे लगभग 9 महीने से ISS पर फंसे हुए हैं।
अब नासा और स्पेसएक्स ने एक नया रॉकेट भेजा है ताकि इन अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित धरती पर लाया जा सके।
कौन हैं सुनीता विलियम्स?
- पूरा नाम: सुनीता लिंडन विलियम्स
- जन्म: 19 सितंबर 1965, ओहियो, अमेरिका
- मूल: भारतीय पिता (डॉ. दीपक पांड्या) गुजराती मूल के हैं।
- कैरियर: अमेरिकी नौसेना में पायलट के रूप में सेवा देने के बाद 1998 में नासा के लिए चुनी गईं।
- उपलब्धियाँ:
- 2006 में पहली बार अंतरिक्ष यात्रा।
- उन्होंने 322 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड बनाया।
- अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा स्पेसवॉक (7 बार) करने वाली महिला।
- 50 घंटे से ज्यादा समय तक स्पेसवॉक कर चुकी हैं।

सुनीता विलियम्स न केवल अमेरिका बल्कि भारत में भी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
क्या है आगे की योजना?
नासा ने भरोसा जताया है कि सभी तकनीकी समस्याओं के समाधान के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को सुरक्षित धरती पर लाया जाएगा। स्पेसएक्स के रॉकेट के जरिए अब उनकी वापसी के अंतिम चरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
9 महीने से फंसे अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स धरती पर वापस लौटेंगे.
अंतरिक्ष यात्रियों के ISS पर केवल आठ दिन रहने की उम्मीद थी, लेकिन जिस प्रायोगिक अंतरिक्ष यान पर वे आए थे
कनीकी समस्याओं के कारण वे 9 महीने से अधिक समय से वहां हैं.