भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता की भूमिका | अंग्रेज़ी और भाषाई अखबार
हिंदी माध्यम के पत्रकारिता छात्रों के लिए विशेष नोट्स
“ज्ञान पर किसी का कॉपीराइट नहीं होता। इसे ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें, शायद किसी छात्र का तनाव कम हो जाए।”
भूमिका
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता एक सशक्त हथियार के रूप में उभरी। अंग्रेज़ी और भारतीय भाषाओं दोनों में प्रकाशित पत्रों ने न केवल जनमत को जागरूक किया, बल्कि ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष का मंच भी प्रदान किया।
भारत में पत्रकारिता की शुरुआत
जेम्स अगस्टन हिक्की और बंगाल गजट (1780)
- भारत का पहला समाचार पत्र।
- आदर्श वाक्य: “सभी के लिए खुला, फिर भी किसी से प्रभावित नहीं।”
- हिक्की को प्रेस की स्वतंत्रता के लिए जेल जाना पड़ा।
विलियम हुआनी और बंगाल जनरल
- सरकार समर्थक पत्र को आलोचनात्मक बनाया।
- अंग्रेज़ी शासन से निष्कासन का सामना किया।
स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजी पत्रकारिता की भूमिका
प्रमुख अंग्रेजी पत्र और उनका दृष्टिकोण:
समाचार पत्र | स्थापना वर्ष | विचारधारा |
---|---|---|
टाइम्स ऑफ इंडिया | 1861 | सरकार समर्थक |
पायनियर | 1865 | महाजनी पक्षधर |
मद्रास मेल | 1868 | यूरोपीय व्यापार पक्षधर |
स्टेट्समैन | 1875 | आलोचनात्मक |
सिविल एंड मिलिट्री गजट | 1876 | ब्रिटिश मानसिकता |
राष्ट्रवादी अंग्रेजी समाचार पत्र:
- अमृत बाजार पत्रिका
- हिंदुस्तान टाइम्स
- नेशनल हेराल्ड
- बांबे क्रॉनिकल
- प्यूपल (लाला लाजपत राय)
भारतीय भाषाओं में पत्रकारिता की भूमिका
राजा राममोहन राय और संवाद कौमुदी (1821)
- संवाद कौमुदी (बंगाली)
- मिरात उल अखबार (फारसी)
- ब्रह्मिनिकल मैगज़ीन (अंग्रेजी)
- उद्देश्य: जनचेतना और सामाजिक प्रगति
लोकमान्य तिलक: केसरी और मराठा
- केसरी (मराठी), मराठा (अंग्रेज़ी)
- नारा: “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है।”
- ब्रिटिश सरकार की आलोचना पर 18 महीने की सजा।
गांधी युग और पत्रकारिता
- यंग इंडिया (1919) – गांधी का साप्ताहिक पत्र
- हरिजन (1933) – बहुभाषीय साप्ताहिक
- उद्देश्य: राजनीतिक दर्शन और सामाजिक सुधार
समाजवादी और साम्यवादी पत्रकारिता
- क्रांति (मराठी) – वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी
- स्पार्क, न्यू स्पार्क – मार्क्सवादी दृष्टिकोण
- नेशनल फ्रंट, पीपल्स वॉर – कम्युनिस्ट पत्र
- इंडिपेंडेंट इंडिया – एम एन रॉय का स्वतंत्र साम्यवाद
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता ने जनता को संगठित किया, शासकों से सवाल किए और विचारधारा को व्यापक रूप दिया। अंग्रेजी और भाषाई दोनों पत्रकारिता धाराओं ने अपनी-अपनी भूमिका में अद्वितीय योगदान दिया।
- स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता
- भारतीय पत्रकारिता का इतिहास
- हिंदी पत्रकारिता के स्रोत
- पत्रकारिता और स्वतंत्रता आंदोलन
- अंग्रेजी अखबारों का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान