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प्रियंका चोपड़ा कास्टिंग काउच उनके साथ कैसे हुआ था पूरी कहानी

प्रियंका चोपड़ा ने हाल ही में कास्टिंग काउच के अनुभव के बारे में एक खुलासा किया, जिससे न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री बल्कि समाज में भी एक हलचल मच गई। प्रियंका चोपड़ा, जो आज एक ग्लोबल स्टार के रूप में जानी जाती हैं, ने अपनी जिंदगी की कठिनाइयों और संघर्षों को साझा किया, जिसमें कास्टिंग काउच से जुड़ा उनका अनुभव भी था। यह अनुभव तब का है, जब प्रियंका चोपड़ा मात्र 19 साल की थीं और अपने करियर की शुरुआत कर रही थीं। यह एक ऐसी घटना थी जिसने प्रियंका को बुरी तरह से प्रभावित किया और उनकी सोच में बदलाव लाया।

प्रियंका ने बताया कि उस डायरेक्टर ने उनकी स्टाइलिस्ट से कहा, “लोग फिल्म तभी देखेंगे, जब वह पैंटी दिखाएगी।” इसके बाद डायरेक्टर ने और भी घिनौनी बातें कही, जैसे कि उसे बहुत छोटी ड्रेस पहनने की जरूरत है ताकि वह पैंटी दिखा सके और थिएटर में बैठे लोग उसे देख सकें। प्रियंका के लिए यह एक बहुत ही चौंकाने वाला और अपमानजनक अनुभव था। डायरेक्टर ने यह बात चार बार रिपीट की, लेकिन जब प्रियंका ने हिंदी में इसे सुना तो वह और भी अधिक घिन महसूस हुई।

प्रियंका ने यह घटना अपनी मां को बताई और कहा कि अब वह उस डायरेक्टर की शक्ल तक नहीं देखना चाहतीं। प्रियंका के मुताबिक, इस घटना ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर क्यों कुछ लोग महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार करते हैं। प्रियंका ने यह भी कहा कि वह उस डायरेक्टर के साथ कभी भी काम नहीं करेंगी। प्रियंका ने ना सिर्फ अपनी अपमानजनक घटना का सामना किया बल्कि इसने उन्हें एक मजबूत महिला बना दिया, जिसने अपने आत्मसम्मान और मूल्यों को कभी भी समझौता नहीं किया।

प्रियंका चोपड़ा का यह बयान उस समय की कास्टिंग काउच की क्रूर सच्चाई को सामने लाता है, जब एक्ट्रेसेस को फिल्मों में काम करने के लिए इस तरह के दबावों का सामना करना पड़ता था। हालांकि प्रियंका ने इस घटना का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी यह कहानी लाखों महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है। प्रियंका का यह कदम उन सभी महिलाओं के लिए है जो कास्टिंग काउच जैसी निंदनीय घटनाओं का शिकार हुई हैं। उन्होंने न सिर्फ इस मुद्दे को उठाया बल्कि यह भी दिखाया कि वे इस घटनाओं से कमजोर नहीं, बल्कि और भी मजबूत होकर निकलीं।

प्रियंका चोपड़ा ने अपनी मेहनत और संघर्ष से यह साबित किया कि एक महिला को अपने आत्मसम्मान और गरिमा से समझौता नहीं करना चाहिए। उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने में कभी हार नहीं मानी और अपनी कड़ी मेहनत से बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक सफलता प्राप्त की। प्रियंका का यह संघर्ष यह दर्शाता है कि वह एक ग्लोबल स्टार बनने से पहले एक सामान्य लड़की थीं, जिन्हें भी इस इंडस्ट्री में बहुत सारी मुश्किलें और रुकावटों का सामना करना पड़ा।

प्रियंका का यह बयान उन सभी महिलाओं के लिए एक संदेश है जो समाज में उत्पीड़न और भेदभाव का सामना करती हैं। यह भी स्पष्ट करता है कि कास्टिंग काउच जैसी घटनाएं सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज के हर क्षेत्र में कहीं न कहीं मौजूद हैं। प्रियंका ने अपनी कहानी से यह साबित किया कि एक महिला को अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए, चाहे परिस्थितियाँ जितनी भी कठिन क्यों न हों।

प्रियंका चोपड़ा का कास्टिंग काउच के खिलाफ यह बयान एक बदलाव की शुरुआत हो सकता है, जहां महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और उत्पीड़न को खत्म करने के लिए आवाज उठाई जाती है। यह भी दर्शाता है कि अगर एक व्यक्ति अपने अधिकारों के लिए खड़ा हो, तो समाज में बदलाव लाना मुमकिन है। प्रियंका चोपड़ा के संघर्ष और सफलता की कहानी हर महिला के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।

प्रियंका चोपड़ा ने जो कदम उठाया, उससे न केवल उन्होंने अपने लिए एक नई राह बनाई बल्कि एक मिसाल भी पेश की। अब यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के भेदभाव और उत्पीड़न का विरोध करें और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करें। प्रियंका चोपड़ा की कहानी यह दर्शाती है कि अगर हमें अपनी आवाज़ उठाने का साहस हो, तो हम किसी भी तरह की कास्टिंग काउच जैसी समस्याओं का सामना कर सकते हैं।

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