प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फिनटेक कंपनी पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (OCL) को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के कथित उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कंपनी की दो सहायक कंपनियों—लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड (LIPL) और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (NIPL)—के अधिग्रहण से संबंधित है, जिसमें 611 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन पर सवाल उठाए गए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को FEMA उल्लंघन के आरोप में कारण बताओ नोटिस भेजा। यह मामला 611 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन से जुड़ा है।
ED की जांच के अनुसार, 611.17 करोड़ रुपये के कुल लेनदेन में से लगभग 344.99 करोड़ रुपये LIPL से जुड़े निवेश लेनदेन हैं, जबकि 245.20 करोड़ रुपये OCL से संबंधित हैं, और शेष 20.97 करोड़ रुपये NIPL से जुड़े हैं।
वन97 कम्युनिकेशंस ने 2017 में इन दोनों कंपनियों का अधिग्रहण किया था। कंपनी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में बताया कि यह नोटिस 2015 से 2019 के बीच के कथित उल्लंघनों से संबंधित है। कंपनी ने यह भी कहा है कि वह इस मामले को लागू कानूनों के अनुसार हल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इसका पेटीएम के उपभोक्ताओं और व्यापारियों को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
फेमा यानी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999, विदेशी मुद्रा प्रबंधन और विदेशी व्यापार एवं भुगतान से संबंधित एक अधिनियम है। यह भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के रखरखाव और इस पर नजर रखने के लिए लागू किया गया कानून है। इस अधिनियम के तहत, प्रवर्तन निदेशालय (ED) को विदेशी मुद्रा कानूनों और नियमों के संदिग्ध उल्लंघनों की जांच करने, उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही करने और उन पर जुर्माना लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।
पेटीएम पर पहले भी नियामक उल्लंघनों के आरोप लग चुके हैं। हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक में कई नियमों के उल्लंघन को लेकर गंभीर चिंता जताई थी, जिसके चलते बैंक की कुछ सेवाओं पर पाबंदियां लगाई गई थीं।
इस नए नोटिस के बाद, पेटीएम के शेयर बाजार में प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। शुक्रवार को कंपनी का शेयर 1.59% की गिरावट के साथ बंद हुआ था, और विशेषज्ञों का मानना है कि सोमवार को इस खबर का प्रभाव शेयर की कीमत पर देखा जा सकता है।