डॉ. जयपाल तंवर: बंद पॉलीहाउस को बनाया मुनाफे का सौदा | जैविक खेती में सफलता की कहानी
डॉ. जयपाल तंवर, दो पीएचडी और 5 साल असिस्टेंट प्रोफेसर रहने के बाद, 2014 से रसायन-मुक्त खेती कर रहे है। उत्त्च गुणवत्ता वाली सब्जियों की होम डिलीवरी से दिल्ली-एनसीआर में उन्होंने अपनी नई पहचान बनाई है।
हरियाणा के पानीपत जिले के गांव आसनखुर्द निवासी डॉ. जयपाल तंवर ने अपनी जमीन न होने के बावजूद खेती को चुना। उन्होंने एक एकड़ में फैला पुराना पॉलीहाउस लीज पर लेकर लाल व पीली शिमला मिर्च और खीरे की खेती शुरू की। पहले सीजन में 22 हजार किली शिमला मिर्च का उत्पादन हुआ और करीब 12 लाख रुपये का मुनाफा हुआ। उस पॉलीहाउस को अन्य किसान नुकसान के डर से छोड़ चुके थे उसे डॉ तंवर ने गुनाफे का सौदा बना दिया। आज उनके पास 70 एकड़ खेती है, जिसमें से 35 एकड़ पॉलीहाउस/नेट हाउस में हाईटेक खेती हो रही है।
फार्म टू टेबल मॉडल की तैयारी डॉ. जयपाल की खास पहचान रसायन-मुक्त सब्जियों और हाई क्वालिटी उपज पैदा करने की है। वे साफ-सुथरी पैकिंग, समय से डिलीवरी और बेहतरीन गुणवत्ता के दम पर दिल्ली-एनसीआर की सोसाइटीज, सुपरमार्केट और फूडचेन को अपने उत्पाद सप्लाई कर याँ हैं। उन्होंने अपना खुद का ब्रांड बनाया है और अब फार्म टू टेबल मॉडल पर काम कर रहे हैं, यानी खेत से सीधे चाहक के घर तक।
35 से ज्यादा लोगों को रोजगार एक समय अकेले खेती शुरू करने वाले जयपाल आज 35 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। अगर बाजार अच्छा रहे, तो उन्हें सालाना 15 से 2 करोड़ रुपये तक का मुनाफा होता है। साल में औसतन एक करोड़ की कमाई जरूर हो जाती है।
Dr. Jaipal Tanwar, polyhouse farming, organic farming, farm to table, capsicum farming, Haryana farmer success, chemical free vegetables, Delhi NCR vegetable supply, high tech farming, earning crores from farming, farmer startup, Indian farmer inspiration
डॉ. जयपाल तंवर, पॉलीहाउस खेती, जैविक खेती, फार्म टू टेबल, शिमला मिर्च की खेती, हरियाणा किसान सफलता, रसायन मुक्त सब्जी, दिल्ली NCR सब्जी सप्लाई, हाईटेक खेती, खेती से करोड़ों की कमाई, किसान स्टार्टअप, भारतीय किसान प्रेरणा