Airtel और Jio की फास्ट सिम डिलिवरी पर सरकार का हस्तक्षेप – जानें वजह
Airtel और Jio की सुपरफास्ट सिम डिलिवरी योजना पर सरकार ने क्यों लगाई रोक? जानें क्या है इसके पीछे की वजह और क्या बदलाव होंगे इन कंपनियों की योजनाओं में
टेलिकॉम सेक्टर में तेजी से बदलाव लाने वाली योजनाओं में एक बार फिर सरकार का हस्तक्षेप देखने को मिला है। Airtel और Jio दोनों ही कंपनियों ने अपनी सुपरफास्ट सिम डिलिवरी योजना को रोक दिया है। आइए जानते हैं इसकी पूरी वजह।
क्या थी Airtel और Jio की योजना?
भारती Airtel ने हाल ही में ग्रॉसरी डिलिवरी ऐप Blinkit के साथ साझेदारी की थी, जिसके तहत सिर्फ 10 मिनट में सिम कार्ड डिलिवर करने की योजना बनाई गई थी। इस सर्विस के लिए ग्राहक से ₹49 लिए जाने थे। इसी तर्ज पर Reliance Jio भी 25 अप्रैल से अपनी फास्ट सिम डिलिवरी सर्विस शुरू करने वाली थी।
सरकार ने क्यों लगाई रोक?
दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस स्कीम पर आपत्ति जताई है। विभाग का कहना है कि:
- सिम डिलिवरी से पहले ग्राहक की पहचान यानी KYC पूरी तरह से सुनिश्चित होनी चाहिए।
- Blinkit जैसी सर्विस के जरिए जब सिम कार्ड ग्राहक के घर पहुंचता है, तब वे खुद से ई-केवाईसी कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकता है।
- जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों को देखते हुए सरकार किसी भी सुरक्षा चूक को लेकर गंभीर है।
क्या होगा आगे?
दूरसंचार विभाग के निर्देश के बाद कंपनियों ने अपनी योजना पर पुनर्विचार शुरू कर दिया है। अब संभव है कि:
- सिम डिलिवरी की स्पीड थोड़ी कम हो।
- पहले KYC और फिर डिलिवरी की प्रक्रिया लागू हो।
- बिना पहचान प्रमाण के कोई भी सिम कार्ड घर पर नहीं पहुंचेगा।
ग्राहकों को क्या नुकसान?
कई ग्राहक इस योजना से खुश थे, क्योंकि इससे उन्हें बिना स्टोर जाए, तेजी से सिम कार्ड मिल रहा था। नई व्यवस्था के चलते यह सुविधा संभवतः थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन इससे सुरक्षा और भरोसे को प्राथमिकता मिलेगी।
Airtel और Jio की फास्ट सिम डिलिवरी पर सरकार का हस्तक्षेप – जानें वजह
Airtel और Jio दोनों ने सुपरफास्ट सिम डिलिवरी जैसी योजनाओं से ग्राहकों को सुविधा देने की कोशिश की, लेकिन सरकार की सुरक्षा नीति के चलते इस पर रोक लग गई है। आने वाले समय में यह देखने लायक होगा कि टेलिकॉम कंपनियां किस तरह से इन योजनाओं को सरकारी नियमों के तहत दोबारा लागू करती हैं।