पहला प्यार – स्कूल की एक प्यारी लव स्टोरी

पहला प्यार – स्कूल की एक प्यारी लव स्टोरी

रवि और स्नेहा की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे, लेकिन अलग-अलग वर्गों में। रवि पढ़ाई में होशियार था और स्नेहा खेल-कूद में आगे। दोनों अक्सर स्कूल के गलियारों में एक-दूसरे को देखते, लेकिन कभी सीधे बात नहीं कर पाए। रवि हमेशा स्नेहा की हँसी और उसकी चंचलता से आकर्षित होता, लेकिन अपने मन की बात कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था।

सब कुछ सामान्य चल रहा था, जब तक कि स्कूल में एक वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हुआ। इस बार लड़कियों की टीम की कप्तान स्नेहा थी और लड़कों की टीम में रवि भी था। खेल के दौरान स्नेहा को अचानक चोट लग गई। रवि ने बिना सोचे-समझे उसकी मदद की और उसे मेडिकल रूम तक पहुँचाया। यही वह पल था, जब पहली बार दोनों के बीच बातचीत हुई। स्नेहा ने धन्यवाद कहा, और रवि बस मुस्कुराकर रह गया।

इसके बाद दोनों की दोस्ती होने लगी। स्कूल की लाइब्रेरी हो, कैंटीन हो या फिर बस स्टॉप, दोनों हर जगह साथ दिखने लगे। दोनों की बातें कभी खत्म ही नहीं होती थीं। रवि को स्नेहा की हंसी अच्छी लगती थी, और स्नेहा को रवि की समझदारी भरी बातें।

एक दिन, स्कूल की फेयरवेल पार्टी थी। रवि ने हिम्मत जुटाकर स्नेहा को एक छोटा सा ग्रीटिंग कार्ड दिया, जिस पर लिखा था – “तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो, लेकिन काश मैं तुम्हें सिर्फ दोस्त नहीं कहता!” स्नेहा ने कार्ड पढ़कर मुस्कुरा दिया और कहा, “ये बात मुझे कब से पता थी!”

वह दिन दोनों के लिए खास था। स्कूल खत्म होने के बाद भले ही उनकी राहें अलग हो गईं, लेकिन उनका पहला प्यार हमेशा उनकी यादों में जिंदा रहा।

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