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प्राकृतिक आपदा और रोग एवं कीटों के प्रकोप फसल बीमा कराएं, फिक्र को दूर भगाएं

प्राकृतिक आपदा और रोग एवं कीटों के प्रकोप फसल बीमा कराएं, फिक्र को दूर भगाएं

प्राकृतिक आपदा और रोग एवं कीटों के प्रकोप के कारण फसलें खराब होती हैं तो फसल बीमा से किसान इसकी आर्थिक भरपाई सुनिश्चित कर सकते हैं। खरीफ फसलों के लिए बीमा पंजीकरण जरूर कराएं और जोखिम से निश्चिंत हो जाएं।

 

सान खरीफ सीजन की खेती में जुटे हैं। अच्छे बीज, उम्दा खाद और रोग एवं कीटों से बचाव के लिए दवाओं के छिड़काव सहित कई तरह के कृषि इन्पुट्स का उपयोग किसान करते हैं। खेतों की जुताई, गुड़ाई, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण और फसलों की कटाई में समय और श्रम के साथ काफी पैसा भी खर्च होता है। लेकिन, बदलते मौसम, असमय बारिश, सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि और कीट एवं रोगों के प्रकोप के कारण कई बार फसल नष्ट हो जाती है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार तो किसान पूरी तरह कर्ज में डूब जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफचीवाई) शुरू की है, ताकि फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को आर्थिक संकट न झेलना पड़े।

बीमा से आर्थिक नुकसान की भरपाई
खरीफ में किसान मुख्य रूप से धान, मक्का, सोयाबीन, दलहन और कपास जैसी फसलों की खेती करते हैं। बरसात के मौसम में फसलों पर मौसम की मार और कीट एवं रोगों के प्रकोप का खतरा अधिक होता है। पीएम फसल बीमा योजना इन जोखिमों से किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा राशि से हो जाती है।

देना होगा सिर्फ 2% प्रीमियम
फसल बीमा के तहत किसान क्रेडिट कार्ड धारक कृषक, गैर-ऋणी किसान और सभी बंटाईदार किसान पात्र हैं। बुवाई के 10 दिन के भीतर आवेदन जरूरी है। फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर क्लेम करना होता है। खरीफ फसलों के लिए बीमा राशि का 2%, रबी फसलों का 1.5% और बागवानी फसलों के लिए अधिकतम 5% प्रीमियम देना होता है। शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार वहन करती हैं।

1 से 7 जुलाई तक फसल बीमा सप्ताह
खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए फसल बीमा का पंजीकरण शुरू हो चुका है। सरकार 1 से 7 जुलाई तक फसल बीमा सप्ताह भी आयोजित कर रही है, ताकि पंजीकरण कराने के लिए अधिकतम किसानों को जागरूक किया जा सके। आप भी देर न करें, आज ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा पंजीकरण कराएं और फसल के नुकसान की फ्रिक को दूर भगाएं।

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